Adhyatm

Monday, 13 February 2017

श्रीगीता ध्यान

श्रीगीता ध्यान 

। । अतः ध्यानम॥ 

       अर्थ - जिनकी आकृति अतिशय कान्त है , जो शेषनाग  शैया पर शयन किये हुए है ,  जिनकी नाभिमे 
कमल है, जो देवताओं के भी ईश्वर है और शमपूर्ण जगत के आधार है , जो आकाश  सदृश्य सर्वत्र व्याप्त है, नील मेघ  के सामान जिनका वर्ण है, अतिशय सुन्दर जिनके सम्पूर्ण अंग है, जो योगियों द्वारा ध्यान करके प्राप्त किये जाते है, जो सम्पूर्ण लोको के स्वामी है, जो जन्म - मरणरूप भय का नाश करने वाले है , ऐसे लक्ष्मीपति, कमलनेत्र भगवान विष्णु को में (सिरसे) प्रणाम करता हूँ ।   ... .... ... 







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