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Tuesday, 14 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता - प्रथम अध्याय, Chapter-1

॥ श्री हरि:॥ 

श्रीमद्भाग्दीता 

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव। 
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव 
त्वमेव सर्वं मम देवदेव॥  



प्रथम अध्याय 

धृतराष्ट्र बोले - हे संजय ! धर्मभूमि कुरुक्षेत्रमें एकत्रित, युद्ध  
की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रोंने क्या किया। ... .... 
















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