Adhyatm

Tuesday, 28 February 2017

गणेश जी की आरती, Ganesh arti

॥ श्री हरि ॥ 
* गणेश जी की आरती *


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। 
 माता जॉकी  पारवती, पिता महादेव ॥ जय... 

एक दन्त दयावंत, चारभुजाधारी। 
माथे  पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय --

अंधन को आँख देत, कोढ़िन  को काया।
 बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय.. 

हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा ।
 लड्डुवन का भोग लागे, संत करे सेवा ॥ जय। .. 

दिनन की लाज राखो, शम्भू सुतवारी । 
कामना  को पूरी करो, जग बलिहारी ॥ जय।  ****

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