॥ श्रीगीताजी -माहात्म्य॥
जो मनुष्य शुद्धचित्त होकर प्रेमपूर्वक इस पवित्र गीताशास्त्र का पाठ करता है , वह भय और शोक आदि से रहित होकर विष्णु धाम प्राप्त कर लेता है। (१)
जो मनुष्य सदा गीता के पाठ करनेवाला है तथा प्राणायाम करने में तत्पर है , उसके इस जन्म और पूर्वजन्म में किये हुए समस्त पाप नि:संदेह: नष्ट हो जाते है। (२) .. ..
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