Adhyatm

Tuesday, 21 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता-सत्तरवां अध्याय, Chapter-17

॥ श्री हरि:॥ 
 श्रीमद्भाग्दीता 



सत्तरवां  अध्याय 
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अर्जुन बोले- हे कृष्ण ! जो मनुष्य शाष्त्रविधियों को त्यागकर श्रद्धासे युक्त हुए देवादिका पूजन करते हैं, उनकी स्थिति फिर कौन-सी है? सात्विकी है अथवा राजसी किवा तामसी है ?॥ १ ॥। .. .. 











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