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Tuesday, 28 February 2017

शिव जी आरती- shiv Arti




। श्री हरि:। 
शिव जी  आरती 

ओम जय शिव ओंकारा,  स्वामी जय शिव ओंकारा । 
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव ,अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय...  
                            
एकानन चतुरानन पंचानन राजे । 
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ओम जय...  

दो भुज चार चतुर्भुज दश भुज ते सोहे । 
तीनो रूप निरखता त्रिभुन मन मोहे ॥ ओम जय...  

अक्षमाला वनमाला रुण्डमाला धारी । 
चन्दन मृगमद सोहे भाले शुभकारी ॥ ओम जय...  

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । 
सनकादिक ब्रह्मादिक प्रेतादिक संगे ॥ ओम जय...  

कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूल धर्ता । 
जग कर्ता जगहर्ता जग पालनकर्ता  ।। ओम जय...  

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। 
प्रणवाक्षर के मध्य ये तीनो एका ॥ ओम जय...  

त्रिगुण स्वामीजी आरती  कोई नर गावे । 
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ओम जय...  
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