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Thursday, 9 March 2017

Lakshmi mata ki Arti- लक्ष्मी माँ की आरती


। श्री हरि:। 
लक्ष्मी माँ की आरती 
*

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता |

तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता || जय

उमा ,रमा ,ब्रह्माणी, तूम ही जग-माता |

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता || जय

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख -म्पति दाता |

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || जय

तू ही है पाताल निवासिनि , तूम ही शुभदाता |

कर्म -प्रभाव प्रकाशिनि , भवनिधि की त्राता || जय

जिस घर तुम रहती , सब सदगुण आता |

सब सम्भव हो जाता , मन नहीं घबराता  || जय

तुम बिन यज्ञ न होवे, वस्त्र न कोई पाता |

खान -पान का वैभव, सब तुमसे आता || जय

शुभ गुण मंदिर सुन्दर , क्षीरोदधि  जाता 

रत्त्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नही पाता || जय

माँ लक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता |

उर आनन्द समाता , पाप उतर जाता || जय

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2 comments:

  1. Laxmi ji ke puja jo karega laxmi ji usko dhan se malamal krdege kayastha chitragupta

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  2. माँ के चरणों में शीश हमेशा झुकी रहे,
    महालक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहे kayastha chitragupta puja

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