Adhyatm

Saturday, 25 March 2017

तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले



॥ श्री हरि :॥ 
*
तन तम्बूरा,तार मन

अद्भुत है ये साज
हरी के कर से बज रहा
हरी ही है आवाज



तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



अब तो इस मन के मंदिर में प्रभु का हुआ बसेरा
मगन हुआ मन मेरा,छूटा जनम जनम का फेरा
मन की मुरलिया में सुर का सिंगार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



लगन लगी लीला धारी से, जगी रे जगमग ज्योति
राम नाम का हीरा पाया, श्याम नाम का मोती
प्यासी दो अंखियो में आंसुओ के धार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
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