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Wednesday, 8 March 2017

Sraswati mata Arti- सवास्वति माता की आरती

। श्री हरि:। 
श्री सरस्वती आरती  माता  की 
कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते॥

जय सरस्वती माता , मैया जय सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी ,त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता 

चंद्रवदनि पदमासिनी , घुति मंगलकारी | 
सोहें शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय सरस्वती माता

बायेँ कर में वीणा ,दायें कर में माला | 
शीश मुकुट मणी सोहें ,गल मोतियन माला ॥जय सरस्वती माता

देवी शरण जो आयें ,उनका उद्धार किया 
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥जय सरस्वती माता

विद्या ज्ञान प्रदायिनी , ज्ञान प्रकाश भरो | 
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥जय सरस्वती माता 

धुप ,दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माता , भव से उद्धार करो ॥ जय सरस्वती माता 

माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी ,सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥  जय सरस्वती माता

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