। श्री हरि:।
श्री सरस्वती आरती माता की
कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते॥
जय सरस्वती माता , मैया जय सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी ,त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता
चंद्रवदनि पदमासिनी , घुति मंगलकारी |
सोहें शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय सरस्वती माता
सोहें शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय सरस्वती माता
बायेँ कर में वीणा ,दायें कर में माला |
शीश मुकुट मणी सोहें ,गल मोतियन माला ॥जय सरस्वती माता
शीश मुकुट मणी सोहें ,गल मोतियन माला ॥जय सरस्वती माता
देवी शरण जो आयें ,उनका उद्धार किया
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥जय सरस्वती माता
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥जय सरस्वती माता
विद्या ज्ञान प्रदायिनी , ज्ञान प्रकाश भरो |
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥जय सरस्वती माता
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥जय सरस्वती माता
धुप ,दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माता , भव से उद्धार करो ॥ जय सरस्वती माता
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी ,सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय सरस्वती माता
***
0 comments:
Post a Comment