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Thursday, 9 March 2017

Santoshi mata ki Arti- संतोषी माता की आरती


॥ श्री हरि:॥ 
संतोषी माता की आरती 
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जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता॥ मैया जय सन्तोषी माता 

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो। 
हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो॥ मैया जय सन्तोषी माता 

गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे। 
मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे॥ मैया जय सन्तोषी माता 

स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे। 
धूप, दीप, नैवेध, मधुमेवा, भोग धरे न्यार।। मैया जय सन्तोषी माता 

गुड़ और चना परम प्रिय तामें संतोष कियो। 
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो॥ मैया जय सन्तोषी माता 

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही। 
भक्त मंडली आई कथा सुनत मो ही॥ मैया जय सन्तोषी माता 

मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई। 
विनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई॥ मैया जय सन्तोषी माता 

भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै। 
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै॥ मैया जय सन्तोषी माता 

दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये। 
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये॥ मैया जय सन्तोषी माता 

ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो। 
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो॥ मैया जय सन्तोषी माता 

चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे। 
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे॥ मैया जय सन्तोषी माता

सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे। 
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे॥ मैया जय सन्तोषी माता
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