Adhyatm

Saturday, 18 March 2017

Amr nath-जय जय अमरनाथ


॥ श्री हरि :॥ 
जय जय अमरनाथ 
*

नाथां दा तूं नाथ कहवे, अमरनाथ विच्च डेरे,

नाम तेरे दा चानण बन के मिटदे घूप हनेरे।

श्याम सवेरे शंकर तेरा करदा रहां मैं जाप,
जय जय अमरनाथ, जय जय अमरनाथ॥



माँ शक्ति नू जित्थे बैह के आप ने कथा सुनाई,

ओस जगह नू सजदे करदी फिरदी कुल लुकाई।

सबना ते तूं करदे भोले खुशीआं दी बरसात,
जय जय अमरनाथ, जय जय अमरनाथ॥



उच्चे नीवे विच्च रस्ते दे बर्फ ने पैर पसारे,

फिर वी भगत प्यारे तैनू पूजन आउंदे सारे।

मेहरां दी तू भोले शंकर पा दे इक वारि चात,
जय जय अमरनाथ, जय जय अमरनाथ॥



डमरू वाले बाबा सबतों उच्चा तेरा द्वारा,

दीन दुखी नू मिलदा आके जित्थों पार किनारा।

‘कुलदीप’ वी लैके जावे खुशीआं दी सौगात,
जय जय अमरनाथ, जय जय अमरनाथ॥
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