॥ श्री हरि : ॥
भैरव आरती
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!! जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा,
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
!! तुम्हीं पाप उद्घारक दुःख सिन्धु तारक,
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी,
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे,
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी,
कृपा करिये भैरव करिए नहीं देरी,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
कृपा करिये भैरव करिए नहीं देरी,
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा !!
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