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Tuesday, 14 March 2017

Ganga mata ki arti -गंगा मां आरती


॥ श्री हरि : ॥ 

गंगा मां आरती

!! जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया,
भवबारिधि उद्धारिणी अतिहि सुदृढ नैया,
जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया !!
!! हरी पद पदम प्रसूता विमल वारिधारा,
ब्रम्हदेव भागीरथी शुचि पुण्यगारा,
जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया !!
!! शंकर जता विहारिणी हारिणी त्रय तापा,
सागर पुत्र गन तारिणी हारिणी सकल पापा,
जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया !!
!! गंगा गंगा जो जन उच्चारते मुखसों,
दूर देश में स्थित भी तुंरत तरन सुखसों
जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया !!
!! मृत की अस्थि तनिक तुव जल धारा पावै,
सो जन पावन हो कर परम धाम जावे,
जय गंगा मैया माँ जय सुरसरी मैया !!
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