Adhyatm

Monday, 20 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता-पंचदश अध्याय,Chapter-15

॥ श्री हरि:॥ 
 श्रीमद्भाग्दीता 

पंचदश अध्याय 
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श्री भगवन बोले - आदिपुरुष परमेश्वररूप  मूलवाले १ और ब्रह्मारूप मुख शाखावाले २ जिस संसाररूपी पीपलके वृक्षको अविनाशी ३ कहते हैं , तथा वेद  जिसके पत्ते कहे गए हैं -उस संसाररूप वृक्षको  जो पुरुष मूल सहित तत्व से जनता है , वह वेद के तात्पर्य को जानने वाला है २ ॥ १ ॥। .. .. 










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