॥ श्री गीता जी का प्रधान विषय ॥
श्रीगीताजी में भगवान ने अपनी प्राप्ति के लिए मुख्य दो मार्ग बतलाये है ।- एक सांख्य योग, दूसरा कर्मयोग । उनमे -
(१ ). संपूर्ण पदार्थ मृग - तृष्णा के जल की भांति अथवा स्वपन की सृष्ठि सद्रश् माया मायामय होने होने से माया के कार्यारूप सम्पूर्ण गुण ही गुणोमे बर्तते है , ऐसे समझकर मन.... ... ... .. पेज संख्या ४ व् ५ पढ़े
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