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Tuesday, 14 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता -तृतीय अध्याय, Chapter-3

॥ श्री हरि:॥ 
श्रीमद्भाग्दीता 




तृतीय अध्याय 
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अर्जुन  बोले - हे जनार्दन ! यदि आपको कर्म  की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है 
तो फिर हे केशव ! मुझे भयंकर कर्ममें क्यों लगते हैं ? ॥ १ ॥ 

















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