Adhyatm

Sunday, 26 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता-अठाहरवां अध्याय, Chapter-18

॥ श्री हरि:॥ 
 श्रीमद्भाग्दीता 


अठाहरवां अध्याय 
*
अर्जुन बोले -हे महाबाहो ! हे अन्तर्यामिन! हे वासुदेव! मैं संन्यास और त्याग के तत्वों को प्रथक -प्रथक जानना चाहता हूँ॥ १ ॥ 



























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