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Thursday, 16 February 2017

श्रीमद्भाग्दीता- पंचम अध्याय, chapter-5


॥ श्री हरि:॥ 
श्रीमद्भाग्दीता 




पंचम अध्याय 
*

अर्जुन बोले- हे कृष्ण! आप कर्मों के संन्यासकी और फिर कर्मयोगकी प्रशंसा करते हैं।
 इसलिये इन दोनोंमेंसे जो एक मेरे लिए भलीभाँति निश्चित कल्याणकारक साधन हो, 
उसको कहिये॥ १ ॥ 
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