श्याम थापे केसर छिड़का जी
बाबा जी थापे केसर छिड़का जी
बनड़ा सा लगो आज संवारा,
थाने निरखा जी
श्याम थापे केसर छिड़का जी ||
काना कुण्डल सोहे थारे
गल वैजन्ती हार,
नैन निगोड़ा, सेठ सँवारा
थापे पे अटक्या जी,
श्याम थापे केसर छिड़का जी ||
थाने बिठाकर लिलो चले ,
तिरछी तिरछी चाल,
उछल उछल कर नाचे म्हारे,
जोरका ठुमका जी,
श्याम थापे केसर छिड़का जी ||
बांकी अदा सुं थे इतरावो,
होटा पर मुस्कान,
रूप सलोनो देख श्यामथारो,
सेवक भटक्या जी,
श्याम थापे केसर छिड़का जी||
हर्ष भगत थारा लाड लड़ावे
छिड़के इतर फुहार,
सगला मिलकर आज करां,
फुला की बरखाजी,
श्याम थापे केसर छिड़काजी ||
बाबा जी थापे केसर छिड़का जी
बनड़ा सा लगो आज संवारा,
थाने निरखा जी
श्याम थापे केसर छिड़का जी ||
Jai shree shyam 🙏🙏
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