कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है।
थाने कोल निभाणो है
दरबार सावरिया, ऐसो सजो प्यारो, दयालु आप को
सेवा में सावरिया, सगला खड़ा डिगे, हुकम बस आप को
सेवा में थारी म्हणे आज बिछ जाणों है , थाने कोल निभानु
कीर्तन की है रात...
कीर्तन की है तैयारी, कीर्तन करा जमकर, प्रभु क्यु देर करो
वादों थारो दाता, कीर्तन में आने को घणी मत देर करो
भजनासु थाने म्हाने आज रिझाणों है, थाने कोल निभणों है
कीर्तन की है रात..
जो कुछ बनो म्हासु, अर्पण परभू सारो, प्रभु स्वीकार करो
नादान सु गलती होती ही आई है, ब्रभु मत ध्यान धरो
नंदू सावरिया थारो दास पुरानो है, थारे कोल निभणों है
कीर्तन की है रात...
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