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Sunday, 26 March 2017

ना ये मानता हूँ ना वो मांगता हूँ



॥ श्री हरि:॥ 
ना ये मानता हूँ ना वो मांगता हूँ 
*
ना ये मानता हूँ ना वो मांगता हूँ 
गोबिंद मई तेरी ख़ुशी माँगता हूँ

जहाँ तुम रखोगे वाही मैं रहूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे वही मैं रहूँगा ।
आपने लिए आशिया मांगता हूँ ॥
ना ये मानता हूँ...

जो तुम कहोगे, करूँगा मैं दिलबर 
तेरी ख़ुशी में ख़ुशी चाहता हूँ ।
ना ये मानता हूँ...

ये दुनिया ना रीझे, ना रीझेगी कभी भी 
तुमसे ही आपन नाता चाहता हूँ ।
ना ये मानता हूँ...

मेरे हाथ टूटे हो मांगू मैं किसी से,
शहंशाह के दर से सदा मांगता हूँ ।
ना ये मानता हूँ...

रे मन कृष्णा नाम कही लीजे

॥ श्री हरि :॥ 
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे
*
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे,
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे |

गुरु के वचन अटल करि मानहि,
साधू समागम कीजे,
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे |

पढ़िए गुनिये भगति भागवद,
और कहाँ कथि कीजे

कृष्ण नाम बिनु जनम बाद ही,
बिरथा काहे जीजे,

कृष्णा नाम रस भयो जात है,
त्रिषावन्त है पीजे,

सूरदास हरी शरण ताकिये,
जनम सफल करि लीजे,
रे मन कृष्णा नाम कही लीजे ।

काहे तेरी अंखियो में पानी


॥ श्री हरि :॥ 
काहे तेरी अंखियो में पानी
*

काहे तेरी अंखियो में पानी,
कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी
मीरा प्रेम दीवानी, मीरा कृष्ण दीवानी
दीवानी प्रेम दीवानी, मीरा प्रेम दीवानी



हस के तू पी ले विष का प्याला,
काहे का डर तोरे संग गोपाला ।
तेरे तन की ना होगी हानि,
कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी...



सब के लिए मैं मुरली बजाऊं,
नाच नाच सरे जग को नचाऊ ।
सिर्फ राधा नहीं है मेरी रानी,
कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी...



प्रीत में भक्ति जब मिल जाए,
जग तो क्या सृष्टि हिल जाए ।
झुक जावे अभिमानी,
कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी...
***

Saturday, 25 March 2017

हरी मैं नैनहीन,तुम नैना-krishna bhajan



॥ श्री हरि:॥ 
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
*
हे गिरधर गोपाल
करुणा सिंधु कृपाल
भक्त-वत्सल सबके सम्बल 
मोकू लेओ संभाल 

हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
निर्बल के बल,दीन के बंधू
वचन सुन के बैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना

थाम उँगरिया जौंन डगरिया लै चालो मोहे जानो
तुम्हरी शरण में तुम्हरे चरण में अब मेरो ठौर ठिकानों
गोपाल...गोपाल...
हरी तुम ही आंधे की लकुटिया 
तुम ही जिया को चैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना

दरसन ते सुख,बिन दरसन दुःख
प्रभु मेरो मनवा पावे
तुम देखे मेरो सूरज ऊगे 
तुम बिछड़े छुप जावे
गोपाल...गोपाल..
अपने पतित को बेगी उबारो 
नाम रटो दिन- रैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना

हे गिरधर गोपाल 
श्यामा दीन दयाल
भक्त-वत्सल सबके सम्बल 
मोकू लेओ संभाल 
गोपाल..गोपाल..
गोपाल...गोपाल..
****

तेरी शान तेरे जलाल को- Krishna bhajan




तेरी शान तेरे जलाल को 
*

तेरी शान तेरे जलाल को 
मैंने जब से दिल में बसा लिया।
मैंने सब चिराग बुझा दिए,
तेरा इक चिराग जला लिया॥

तेरी आस ही मेरी आस ही,
तेरी धुल मेरा लिबास है।
अब मुझे तू अपना बना भी ले,
मैंने तुझको अपना बना लिया॥

मुझे धुप छाव का गम नहीं,
तेरे कांटे फूलों से कम नहीं।
मुझे जान से भी अज़ीज़ है,
जिस चमन से तेरा दीया लिया॥

तेरी रहमतें बेहिसाब हैं,
किस जुबान से करूँ शुक्रिया।
कभी मुझ से कोई खता हुई
तूने फिर से मुझ को उठा लिया॥

मेरी हार तेरी ही हार है,
मेरी जीत तेरी ही जीत है।
मैंने सौंपा तुझको वो सभी,
तूने जो मुझ को दिया॥

मेरे साथ है साया श्याम का,
बस यह तस्सल्ली की बात है।
मैं तेरी नज़र से नहीं गिरा,
मुझे हर नज़र ने गिरा दिया॥
****

तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले



॥ श्री हरि :॥ 
*
तन तम्बूरा,तार मन

अद्भुत है ये साज
हरी के कर से बज रहा
हरी ही है आवाज



तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



अब तो इस मन के मंदिर में प्रभु का हुआ बसेरा
मगन हुआ मन मेरा,छूटा जनम जनम का फेरा
मन की मुरलिया में सुर का सिंगार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



लगन लगी लीला धारी से, जगी रे जगमग ज्योति
राम नाम का हीरा पाया, श्याम नाम का मोती
प्यासी दो अंखियो में आंसुओ के धार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम



तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
***

श्यामा आन बसों वृन्दावन में



॥ श्री हरि:॥ 
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
*
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा रस्ते में बाग बना जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।
तेरी बाट निहारूं कुंजन में, 
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा रस्ते में कुआ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।
मैं तुझे नहालाउंगी मल मल के, 
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा मुरली मधुर सुना जाना, 
मोहे आके दरश दिखा जाना ।
तेरी सूरत बसी है अंखियन में, 
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा वृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना ।
सूनी गोकुल की गलियन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना ।
बस आप रहो मेरे मन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥
***

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा

॥ श्री हरि:॥ 
*
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा 
नटवर नागर नंदा...

तूं ही नटवर तूं ही नागर, तूं ही बाल मुकन्दा 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यों तारा विच चंदा 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं, ज्यों नदियां वींच गंगा 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...


ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरंता 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...


कालीदह में नाग ज्यों नाथों,फण-फण निरत करंता 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...


वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकन्दा 
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो जम का फंदा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...
***

Tuesday, 21 March 2017

तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी




॥ श्री हरि :॥ 
तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी
*
आओ कन्हैया, आओ मुरारी,

तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी ॥
तेरे दर पे आया सुदामा पुजारी ॥
आओ कन्हैया, आओ मुरारी...



क्या मैं बताऊँ, क्या मैं सुनाऊँ,
एक दुःख नहीं जो मैं मन में छिपाऊँ ।
घट-घट की जानते हो, तुम सब मुरारी,
तेरे दरपे आया सुदामा भिखारी ॥
आओ कन्हैया, आओ मुरारी...



ना तो डगर है, ना कोई घर है,
फटे हुए कपड़े हैं, तुझे सब खबर है ।
क्या तुम परीक्षा, लेते हमारी,
तेरे दरपे आया सुदामा भिखारी ॥
आओ कन्हैया, आओ मुरारी...



नैनों में आँसू, उठे ना कदम है,
आवो कन्हैया अब तो, होठों पे दम है ।
जरा आ के देखो, दशा तो हमारी,
तेरे दरपे आया सुदामा भिखारी ॥
आओ कन्हैया, आओ मुरारी...



आवो कन्हैया, छूटे अब दम है,
अगर अब ना आये तो माँ की कसम है ।
माँ की कसम सुनके, पहुँचे मुरारी,
तेरे दर पे आया सुदामा भिखारी ॥
आओ कन्हैया, आओ मुरारी...
****

Sunday, 19 March 2017

Mere kanha aa javo- मेरे कान्हा आ जाओ ना



॥ श्री हरि :॥ 
मेरे कान्हा आ जाओ ना
*
मेरे कान्हा आ जाओ ना
अंखिया नीर बहाए, तुम बिन रह नहीं पाए

याद करो तुम काहना, वो बचपन की बाते
गोएं चराना, माखन चुराना, पनघट चीर चुराते, 
हम को बहुत सताते,
मेरे काहना आ जाओ ना, 
अंखिया नीर बहाए, तुम बिन रह नहीं पाए

वो यमुना की लहरें, वो मधुबन की छैया
रास रचाना, बंसी बजाना, पल पल याद दिलाएं,
पल पल हम को सताएं...
मेरे काहना आ जाओ ना, 
अंखिया नीर बहाए, तुम बिन रह नहीं पाए

जनम जनम की डोरी, तुम संग श्याम बंधी है
तुम संग काहना, रिश्ते हैं सारे, तुम संग हैं सारे नाते
फिर क्यूँ इतना सताते...
मेरे काहना आ जाओ ना, 
अंखिया नीर बहाए, तुम बिन रह नहीं पाए

लौट के आजा तू गोकुल, याद बहुत तडपाए
रात ना निंदिया, दिन को ना चैना, नैनो को न हमरे आए
नयना नीर बहाए...
मेरे काहना आ जाओ ना, 
अंखिया नीर बहाए, तुम बिन रह नहीं पाए
****

Bata mere yar sudama- बता मेरे यार सुदामा रै



॥ श्री हरि :॥ 
बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया
*
बता मेरे यार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया


बालक था रे जब आया करता, रोज खेल के जाया करता
हुई कै तकरार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया

मन्ने सुना दे कुटुंब कहानी, क्यों कर पड़ गयी ठोकर खानी
टोटे की मार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया

सब बच्चो का हाल सुना दे, मिसरानी  की बात बता दे
रे क्यों गया हार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया

चाहिए था रे तन्ने पहल में आना, इतना दुःख नहीं पड़ता ठाणा
क्यों भुल्ला प्यार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया

इब भी आगया ठीक वक़्त पे, आज बैठ जा म्रेरे तखत पै
जिगरी यार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया

आजा भगत छाती पे लालू, इब बता तन्ने कन्ने बिठा लूँ
करूँ साहूकार सुदामा रै, भाई घणे दिना में आया
***

jo tumko bhul jaye- जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं- Manoj Agarwal




॥ श्री हरि:॥ 
जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं
*

जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं
दिल है तो दिल में क्या है, कैसे तुम्हे बताऊँ


मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेनेयाज़ गम से
तुझे अपने दर्दे दिल की क्या दासता सुनाऊं



नहीं अब रहा भरोसा मदहोश जिंदगी का
तेरी याद के नशे में कहीं राह में गिर ना जाऊं



मेरे दिल की बेबसी में अरमान थक गएँ हैं
तेरी राह पे नज़र है अब और चल ना पाऊं



मुझे याद तुम हो लेकिन, मुझे याद भी है अपनी
कभी यूँ भी याद आओ, के मैं खुद को भूल जाऊं
***

Sanwariyo ha seth- सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी है




॥ श्री हरि:॥ 
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी है
*
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी है

यह तो जाने दुनिया सारी है 



राजाओ के राजा, महारानी की रानी,
सर मोर मुकुट साजे ।
जोड़ी बड़ी प्यारी, दरबार है प्यारा,
राधा के संग साजे ।
सोने पल में सेठ, सोने पल में सेठानी है,
यह तो जाने दुनिया सारी है...



सांवरिया राधा जी, भक्ता पे है राजी,
करे घणो लाड है ।
भण्डार लुटावे है, हर बात बनावे है, भक्ता रा ठाट है,
देवे छपर फाड़, नहीं इनसो कोई दानी है ।
यह तो सारी दुनिया जानी है...



सुख दुःख में सावरिया, सुख दुःख में राधा जी,
सदा तेरे साथ है ।
मेरी चिंता दूर करे, मेरी विपदा दूर करे,
रख लेवे बात है ।
भक्ता रोतो काम बस इक हाजरी लगानी है,
यह तो जाने दुनिया सारी है...
***

Saturday, 18 March 2017

khatu shyam ji arti-श्री खाटू श्याम जी की



॥श्री हरि:॥ 
श्री खाटू श्याम जी की आरती 

*

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे || ॐ


रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे |

तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े || ॐ
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे |
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले || ॐ

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे |
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे || ॐ

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे |
भक्त आरती गावे, जय - जयकार करे || ॐ

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे |
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम - श्याम उचरे || ॐ

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे |
कहत भक्त - जन, मनवांछित फल पावे || ॐ

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे || ॐ 

***

Meri sunle karun pukar- मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी














॥ श्री हरि :॥ 
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी 
*
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ,
ये हैं अंसुवन की धार, ना समझ तू पानी ,
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।


जितने बहेंगे आंसू तेरे लिए सांवरे,
कर्ज चढ़ेगा तुझपे उतना ही जानले,
कीमत हर आंसू की पड़ती है चुकानी,
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।



यहां भीगे पलके मेरी वहाँ मुस्कुराये तू ,
भगतों के दिल को बाबा और क्यूँ जलाये तू ,
क्या इसी को कहते हैं प्रभु प्रीत निभानी,
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।



माना के ये आंसू ‘सोनू’ होते बेजुबान हैं,
लेकिन ये हाल दिल का करते बयान हैं,
पत्थर को गला देता ये खारा पानी,
मेरी सुनले करुण पुकार ओ शीश के दानी ।
***

sare jag ka ha rakhwala-सारे जग का है वो रखवाला,




॥ श्री हरि:॥ 
सारे जग का है वो रखवाला,
*
सारे जग का है वो रखवाला,
हो भोले शंकर है जग से निराला
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला


एक चोर चला शिव मंदिर में,
पाप था उसके अंदर में,
घंटा आया उसे नज़र, 
जो था लगा शिव के ऊपर
लेकिन था काफी ऊंचे,
उस तक वो कैसे पहुंचे,  हो ओ ओ ओ ओ 
कैसा लालच ने चक्कर में डाला,
सारे जग का है वो रखवाला, 
हो भोले शंकर है जग से निराला,
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला



उपाय समझ जब आया है,
चोर खड़ा मुस्काया है,
शिव मूरत पर चढ़कर,
हाथ लगाया घंटे पर,
घंटा घन घन बोल उठा,
चोर का मनवा डॉल उठा, हो ओ ओ ओ 
वहां प्रगट हुआ डमरू वाला 
सारे जग का है वो रखवाला, 
हो भोले शंकर है जग से निराला,
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला



मांग मांग बोले शंकर,
ले ले तू मनचाहा वार,
चोर खड़ा कांपे थर थर,
देख रहा इधर उधर,
मैं तो चोर उचक्का हूँ,
झूठा कपटी पक्का हूँ  हो  ओ ओ ओ 
बाबा सचमुच है तू भोला भाला 
सारे जग का है वो रखवाला, 
हो भोले शंकर है जग से निराला,
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला



कोई मोदक मेवा लता है,
कोई चन्दन मुझपे चढ़ाता है,
पर तू ने अपना तन,
कर दीन्हा मुझपे अर्पण 
तू भक्त है मेरा चोर नहीं,
तेरे जैसा और नहीं, हो  ओ ओ ओ 
झट बोले यूँ दीन दयाला 
सारे जग का है वो रखवाला, 
हो भोले शंकर है जग से निराला,
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला



शंकर अन्तर्धान हुआ,
चोर को तब ये ज्ञान हुआ,
छोड़ कर बुरे धंधे ,
शिव का पक्का भगत बना,
‘ताराचंद‘ भी दस तेरा,
कष्ट हरो शिव तुम मेरा, हो ओ ओ ओ 
निसिदिन जपूं तुम्हारी माला 
सारे जग का है वो रखवाला, 
हो भोले शंकर है जग से निराला,
बम भोला,बम भोला, बम भोला -भोला 
बम भोला,बम भोला, बम भोला
***